बीजेपी और कांग्रेस में मचा घमासान, क्या मध्य प्रदेश में सही साबित होंगे एग्जिट पोल के अनुमान ?

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
बीजेपी और कांग्रेस में मचा घमासान, क्या मध्य प्रदेश में सही साबित होंगे एग्जिट पोल के अनुमान ?

BHOPAL. एग्जिट पोल के बाद से हर कोई बस यही चर्चा कर रहा है कि क्या बीजेपी जीत रही है। खासतौर से मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे दो प्रदेशों में, और कांग्रेस के हाथ से ये प्रदेश बाहर हो रहे हैं। मतदान हो चुके हैं। असल नतीजे 3 दिसंबर को आ ही जाएंगे। उसके बावजूद एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर अफरा तफरी क्यों मची है। बीजेपी जीत के लिए कॉन्फिडेंट हो गई है तो कांग्रेस में कमलनाथ ने बिना वक्त गंवाए हर कार्यकर्ता के नाम एक पत्र लिख कर अर्जुन की तरह फोकस्ड रहने की अपील की है। खासतौर से मध्यप्रदेश में कांग्रेस एग्जिट पोल के नतीजों को नकार रही है। सवाल ये है कि जब ये असल नतीजे नहीं हैं तो इतना टेंशन क्यों है। इसका गणित बहुत ज्यादा पेंचिदा है हम आपको इसे सरल तरीके से समझाते हैं।

एग्जिट पोल के आंकड़ों के मायने क्या?

एग्जिट पोल की गुत्थी को डिकोड करें उससे पहले एक नजर में बता देते हैं एग्जिट पोल ने क्या नतीजे बताए हैं। मोटे तौर पर ये समझ लीजिए कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी की सरकार बन रही है। जिसमें से मध्यप्रदेश में बीजेपी को बंपर जीत भी मिल रही है। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान है और मिजोरम में त्रिशंकु सरकार बन सकती है। ये एग्जिट पोल कितने एक्जेक्ट हैं ये तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस बार एग्जिट पोल के बाद ऐसा भी कुछ हुआ कि जो पहले कभी नहीं हुआ था।

आज तक चैनल के लीक वीडियो के मायने क्या ?

आज तक जैसे बड़े चैनल का एक वीडियो लीक हुआ जिसमें एंकर और एक्सपर्ट ये बात करते सुने गए कि नतीजे इतने चौंकाने वाले कैसे हो सकते हैं, सवाल ये उठते है कि क्या ये वीडियो जानबूझ कर लीक किया गया ताकि नतीजों में उलटफेर होने पर खुद को जस्टिफाई किया जा सके। क्या आज तक जैसे बड़े चैनल में किसी भी चर्चा का वीडियो इतनी आसानी से बनाया और लीक किया जा सकता है। दो बड़े एंकर इस एग्जिट पोल से सहमत क्यों नहीं हैं।

किसी एक पार्टी के फेवर जा सकते है एग्जिट पोल ?

सवाल इतने पर ही खत्म नहीं होते, एक सवाल ये भी उठता है कि क्या एग्जिट पोल दबाव में भी बनवाए जा सकते हैं, या एग्जिट पोल में किसी एक पार्टी का ज्यादा फेवर भी किया जा सकता है। ये सवाल कांग्रेस के एक दावे के बाद उठ रहे हैं। आज तक का एग्जिट पोल जो बीजेपी की बंपर जीत की तरफ इशारा कर रहा है, उस एग्जिट पोल एक्सिस माय इंडिया के सीईओ प्रदीप गुप्ता पक्के संघी हैं और बालाघाट से ताल्लुक रखते हैं। वही बालाघाट जहां कुछ दिन पहले बैलेट पेपर खोलने का मामला सामने आया था।

एग्जिट पोल को दिग्विजय सिंह ने बताया गलत

एग्जिट पोल को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के अपने- अपने दावे है। एग्जिट पोल के बाद कांग्रेस से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इन्हें गलत बताया है और कार्यकर्ताओं को यकीन दिलाने की कोशिश की, कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। हालांकि बीजेपी की बांछे इस एग्जिट पोल के बाद खिली हुई है। निराश कार्यकर्ता उत्साहित हैं और प्रत्याशी समेत पूरी पार्टी जीत के लिए आश्वस्त हैं। कांग्रेस जीत का दावा भले ही कर रही है, लेकिन एग्जिट पोल के बाद इतने तनाव में क्यों है।

कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं को लिखा पत्र

कांग्रेस के इस तनाव की वजह है एग्जिट पोल का वो गणित जो अब हम आपको बताने जा रहे हैं। इसी गणित की वजह से एग्जिट पोल के तुरंत बाद कमलनाथ अपने कार्यकर्ताओं के नाम पत्र लिखने को मजबूर हो गए। वैसे कुछ एक एग्जिट पोल को छोड़ दें तो बाकी एग्जिट पोल ने खुद को बैलेंस बताने की पूरी कोशिश की है।

एग्जिट पोल के ये रहे अनुमान

बात सिर्फ मध्यप्रदेश की करें तो एबीपी सी वोटर ने कांग्रेस को एक तरफा बहुमत दिखाया है। एबीपी ने कांग्रेस को 113 से 137 सीटें दी हैं. तो बीजेपी को 88 से 112 सीट दी हैं। न्यूज 24 चाणक्य ने बीजेपी की सरकार बनती दिखाई है, मध्यप्रदेश में बीजेपी को 139 से 163 सीटें दी हैं और कांग्रेस को 62 से 86 सीटें दी हैं। आजतक एक्सिस के एग्जिट पोल ने भी बीजेपी को एक तरफा जीत दिखाई है। इसमें बीजेपी को 140 से 162 सीटें दी हैं और कांग्रेस को 68 से 90 सीटों पर समेट दिया है। रिपब्लिक मेटरिज ने बीजेपी को 118 से 130 और कांग्रेस को 97 से 107 सीटें दी हैं। वहीं टाइम्स नाउ ईटीजी ने मुकाबला बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस एग्जिट पोल के मुताबिक बीजेपी को 105 से 117 सीटें मिल सकती हैं तो कांग्रेस को 109 से 125 सीटें मिल सकती हैं।

मोटेतौर पर देखें तो अधिकांश एग्जिट पोल ने बीजेपी को ज्यादा वजनदार बताया है और जीत के करीब भी, लेकिन ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जमीनी स्तर पर जिस एंटीइंकंबेंसी, कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बात हो रही थी वो इन आंकड़ों में कहीं दिखाई नहीं देती। बल्कि ऐसा नजर आ रहा है कि एंटी इंकंबेंसी सरकार नहीं कांग्रेस के खिलाफ थी।

कमलनाथ ने बढ़ाया कार्यकर्ताओं का मनोबल

इस एग्जिट पोल के बाद कमलनाथ ने बिना देर किए अपने कार्यकर्ताओं से मुखातिब होना जरूरी समझा। जरिया चुना एक ऑन लाइन पत्र, इस पत्र से आप समझ पाएंगे कि एग्जिट पोल के आंकड़ों में उलटफेर के जरिए किस तरह का बड़ा खेल किया जा सकता है। कमलनाथ ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वो एग्जिट पोल के इन आंकड़ों को देखकर मायूस न हों और गिनती वाले दिन अर्जुन की तरह सिर्फ कांग्रेस के एक एक वोट पर नजर रखें।

एग्जिट पोल एक्जेक्ट है या नहीं?

कमलनाथ इस पत्र के आखिर मायने क्या हैं और वो कौन सा डर है जो इस पत्र में छुपा हुआ है। एग्जिट पोल के आंकड़े एग्जेक्ट हैं या नहीं ये तो हर बार बहस का मुद्दा रहा है। आज भी जब इसके लिए बहुत सी तकनीकें मौजूद हैं और तब भी जब था जब 1971 के चुनावों में बिना किसी तकनीक के एग्जिट पोल दिखाने की कोशिश की गई थी। मानना या न मानना इन्हें समझने वालों पर निर्भर करता है। लेकिन कार्यकर्ता पर ये एग्जिट पोल बुरा असर डालते हैं। अपनी बुरी तरह हो रही हार के बारे में जानकर कार्यकर्ता मायूस हो जाते हैं और गिनती वाले दिन उनकी सक्रियता कम हो जाती है।

समझे काउंटिंग स्थल का नजारा

इसे समझने के लिए आपको काउंटिंग स्थल का नजारा भी समझाते हैं। जब काउंटिंग होती है तो उस जगह पर बीजेपी और कांग्रेस या किसी भी संबंधित दल के प्रतिनिधि भी मौजूद रहते हैं। जिस भी पार्टी के सदस्य को ऐसा लगता है कि काउंटिंग में गलती हुई है वो वहां दबाव बना कर फिर से काउंटिंग करवाता है या वोट की हेरफेर पर नजर रखता है। प्रशासन भी इस बात के प्रेशर में रहता है कि वो दोनों दलों के नेताओं की नजर में है। लेकिन जब कार्यकर्ता पहले ही मायूस हो जाएगा तब वो काउंटिंग स्थल पर भी निराश ही नजर आएगा। शायद एक एक वोट के लिए फाइट करने से भी खुद को पीछे कर ले ये मान कर कि वो हार रहा है इस मनोदशा को हावी होने से बचाने के लिए ही कमलनाथ ने वो पत्र भी लिखा है।

चुनाव से पहले का साइक्लोजिकल वॉर

इसे एक तरह से चुनाव से पहले का साइक्लोजिकल वॉर भी कह सकते हैं। जिसके तहत अपने दुश्मन की सेना को इतना निराश करने की कोशिश की जा रही है कि वो युद्ध के आखिरी पड़ाव पर ताकत ही न लगाए, इसका असर भी दिग्विजय सिंह के चेहरे पर पसरी मायूसी को देखकर समझा जा सकता है। जो जीत का दम तो भर रहे हैं लेकिन चेहरे पर पहले सी चमक नहीं है। इन नतीजों ने बैकफायर किया तो ऐसा भी हो सकता है कि बीजेपी का कार्यकर्ता भी जीत के ओवरकॉफिडेंस आ जाए और काउंटिंग स्थल पर ध्यान ही न दे। किस एग्जिट पोल का नतीजा कितना सही साबित होता है ये तो 3 दिसंबर को पता चल ही जाएगा लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के इंपेक्ट से उबरने के लिए पार्टियों को अपने अपने स्तर पर कोशिश जारी रखनी ही होगी।

MP News एमपी न्यूज News Strike Exit Poll Estimates BJP has majority in MP Congress has majority in Chhattisgarh न्यूज स्ट्राइक एग्जिट पोल के अनुमान एमपी में बीजेपी को बहुमत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत